Murder in Mahim Review – Filmyzilla

Murder in Mahim Review
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Murder in Mahim Review: जियो सिनेमा बदलाव के लहर में तैर रहा है और दर्शकों को नए अनुभवों का संघर्ष देखने को मिल रहा है। यहाँ, ‘बदलाव’ ही नहीं, ‘आधुनिकीकरण’ का खेल चल रहा है। धर्मा प्रोडक्शंस और वायाकॉम 18 के साथ मिलकर, जियो सिनेमा अब नए दरवाजे खोल रहा है। इस नई यात्रा में, हर सीरीज और फिल्म आपको नई दुनियाओं में ले जाएगी, जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं। आइए, जुड़िए और खोजें नए किस्से, नई पिच, और नए जज्बात। अब, नई फिल्में और सीरीज का मजा अपनी मातृभाषा में, सिर्फ जियो सिनेमा पर!

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Murder in Mahim Review

आजकल, बॉलीवुड के कई कलाकार ऐसे हैं जो अपनी पहचान और बढ़ाने के लिए ओटीटी प्लेटफ़ॉर्मों का सहारा ले रहे हैं। इनमें से एक हैं विजय राज और आशुतोष राणा। इन्होंने अपनी प्रतिभा को परखा और दिखाया कि किसी भी अवस्था में, कलाकारी का उत्तरदायित्व सचमुच सीमित नहीं होता।

ज़माने के साथ, हिंदी सिनेमा में बदलाव आया है। अब हम देख सकते हैं कि पूर्व में साइड रोल पर ही अपनी तस्वीर बनाने वाले कलाकार, अब लीड रोल में भी उभर रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ़ समय की बड़ी सफलता है।

और इसी समय में, जियो सिनेमा दर्शकों को एक बेहद रोचक कहानी पेश कर रहा है। इस कहानी का मूल मुद्दा जेरी पिंटो के उपन्यास से लिया गया है, जिसका आधार भारतीय दंड संहिता की धारा 377 है। यह उपन्यास जनवरी 2018 में प्रकाशित हुआ था, और उसी साल सितंबर में सर्वोच्च न्यायालय ने इस धारा को खारिज कर दिया।

इस कहानी का प्रस्तुतीकरण स्थायी स्तर पर एक नई परिप्रेक्ष्य में भारतीय समाज की सोच को प्रस्तुत करेगा। यह फ़िल्म न केवल मनोरंजन के लिए होगी, बल्कि इसमें समाज के एक महत्वपूर्ण मुद्दे को सामने लाने का काम करेगी।

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आपको स्वागत है एक रोमांचक दुनिया में, जहां क्रिम और संवेदनशीलता का मेल मिलाप है। यहाँ कहानी शुरू होती है मुंबई के प्रसिद्ध माहिम रेलवे स्टेशन पर, जहां एक अत्यंत खौफनाक हत्या ने चर्चा और दिलों में उत्तेजना उत्पन्न की। वहाँ के शौचालय में खून का दृश्य एक क्रूरता की तस्वीर बना दिया।

एक पुराना राज और एक नया अर्थ – इंस्पेक्टर झेंडे, जो पुराने झगड़ों के साथ अपने पिता के साथ लड़े हुए थे, को इस हत्या का मामला सौंपा गया। जैसे ही जाँच शुरू हुई, एक नई उम्र की युवती भी उनके साथ जुड़ी। यह कहानी न केवल रहस्यों को हल करने के लिए है, बल्कि इसमें एक नए पुलिस अधिकारी के अनुभव और साहस की कहानी भी है।

कहानी का दूसरा अंश पत्रकारिता के एक पुराने शिष्य के संदेहों के आधार पर घूमता है, जिसमें उसके बेटे की संलग्नता की भी बात है। यह कहानी पुरानी मुंबई की गलियों में घूमती है, और हर बार वहाँ के चौराहे पर ही एक नया राज़ खुलता है।

विजय आचार्य की नजर सीरीज ‘मर्डर इन माहिम’ पर है, जो ओटीटी पर प्रसारित हो रही है। इस सीरीज में कोई भी कलाकार नहीं, न किसी तरह का मोह अपनी अदाकारी से नजर आता है और न ही निर्देशक ने कोई कोशिश की है जो सैकड़ों के भाव में ऐसी ही कहानियों पर बन चुके अपराध धारावाहिकों से इसे अलग कर सके। ‘मर्डर इन माहिम’ का दृश्यों में घुला हुआ संगीत आपको इस सीरीज के रूचि-प्रित बना देता है। इस क्राइम वेब सीरीज के नए एपिसोड्स में अपने काम के साथ-साथ अपने घर परिवार की दिक्कतों को सुलझाने के चर्चे होते हैं। आठवें एपिसोड तक सीरीज को देखना एक अनूठा अनुभव है।

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अगर आप एक रोमांचक वेब सीरीज की तलाश में हैं जो आपको अपनी कुछ नई और अद्भुत कहानियों के साथ ले जाए, तो ‘मर्डर इन माहिम’ आपके लिए हो सकता है। यह सीरीज न केवल रहस्य और सस्पेंस से भरपूर है, बल्कि इसमें दोस्तों के बीच के रिश्तों की भी एक रोचक कहानी है।

कहानी में हर कदम पर रोमांच बढ़ता है, जैसे कि जब झेंडे की सहकर्मी अपनी पसंद का खुलासा करती है और साथ ही एक गहरा राज उजागर होता है। लेकिन, यहाँ बात नहीं खत्म होती। सीरीज में अभिनय के जादूगर भी हैं, जिनकी प्रतिभा आपको हराने में कामयाब हो सकती है।

अगर आपको हलकी-फुलकी मिस्ट्री और उत्तेजना पसंद है, तो यह सीरीज आपके लिए हो सकती है। जल्द ही देखें और खुद तक पहुंचें इस रोमांच के सफर में।

अगर हम बात करें इस सीरीज़ “मर्डर इन जूही” की, तो वातावरण का महत्व इसकी कहानी में बिलकुल भी अद्वितीय है। शुरुआत से ही, यह वातावरण अपने नाम को साकार और महत्वपूर्ण बनाता है। बिना उसके, यह सीरीज का रुख कुछ अधूरा सा लग सकता है। और फिर, क्या कहने! “मर्डर इन उन्नाव” या कोई और नाम रख लें, लेकिन इस वातावरण के बिना, कहानी में वह जादू नहीं होता।

आशुतोष राणा की अद्भुत अभिनयशैली ने इस सीरीज को और भी रोचक बना दिया है। उनकी प्रतिभा और उनका उत्साह इस कहानी को नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। और हाँ, विजय राज का काम तो बात ही कुछ और है। उनकी अनोखी शैली और व्यक्तित्व ने इस कहानी को नया जीवन दिया है।

स्मिता तांबे और शिवाजी साटम के कलाकारी प्रदर्शन ने भी इस कहानी को और भी आकर्षक बनाया है। उनका अद्वितीय अभिनय ने दर्शकों को अपनी ओर खींच लिया है।

और हां, शिवानी रघुवंशी के आने वाले दिनों में हम सभी काफी उत्साहित हैं। उनकी शैली और अभिनय में और भी गहराई आने की उम्मीद है। लेकिन हाँ, उन्हें अपने अभिनय में थोड़ा सा ठहराव लाने की आवश्यकता है।

इस सीरीज़ के वातावरण, कलाकारों की प्रतिभा, और कहानी की गतिशीलता ने दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया है। इसलिए, ये सभी तत्व इस कहानी को सचमुच अनमोल बनाते हैं।

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